गीता के एक श्लोक में कहा गया है-
विष्णुरेकादशी गीता तुलसी विप्रधेनव:।
असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।।
🐄🐄प्राणी नही प्रान है ये - जानवर नही जान है ये
सनातननियों की शान है ये - हिंदुओं की पहचान है ये
श्रीकृष्ण का अभिमान है ये - गायत्री गीता का ज्ञान है ये
संपूर्ण रोगो का निदान है ये स्वास्थ्य औषधी का विज्ञान है ये
गौ नही मातृ प्रधान है ये -
माँ से ही भारत महान है ये
जय गौ माता🐄🐄
""ॐ""---राधे---""ॐ"" #jkdubeybjp
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