Tuesday, 25 September 2018

जय श्री राम *उदय किसी का भी अचानक नही होता* *सूर्य भी धीरे धीरे निकलता है* *और ऊपर उठता है* *धैर्य और तपस्या जिसमे है* *वही संसार को प्रकाशित कर सकता है*

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